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स्वामी जी ने इस लघु पुस्तिका में अष्टांग योग को बहुत ही सरल और सहज भाषा में समझा दिया है। योगदर्शन से पहले इसका पढ़ना बहुत ही आवश्यक है। यम नियम का यथार्थ रूप भी बताया है। विषेक करके अहिंसा का वास्तविक स्वरूप स्वामीजी ने दिया है जो सभी को जानना चाहिए।
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जनक प्रताप सिंह (verified owner)–
स्वामी जी ने अष्टांग योग को बहुत ही सरल और सहज भाषा में समझा दिया है। यम नियम का यथार्थ रूप भी बताया गया है और अहिंसा का वास्तविक स्वरूप स्वामीजी ने दिया है वह अद्भुत है। योगदर्शन के पूर्व इस पुस्तिका का अध्ययन अनिवार्य है।
जनक प्रताप सिंह (verified owner) –
स्वामी जी ने इस लघु पुस्तिका में अष्टांग योग को बहुत ही सरल और सहज भाषा में समझा दिया है। योगदर्शन से पहले इसका पढ़ना बहुत ही आवश्यक है। यम नियम का यथार्थ रूप भी बताया है। विषेक करके अहिंसा का वास्तविक स्वरूप स्वामीजी ने दिया है जो सभी को जानना चाहिए।
जनक प्रताप सिंह (verified owner) –
स्वामी जी ने अष्टांग योग को बहुत ही सरल और सहज भाषा में समझा दिया है। यम नियम का यथार्थ रूप भी बताया गया है और अहिंसा का वास्तविक स्वरूप स्वामीजी ने दिया है वह अद्भुत है। योगदर्शन के पूर्व इस पुस्तिका का अध्ययन अनिवार्य है।